गिरने, चोट लगने, कटने, जलने, फोड़े आदि अनेक कारणों से त्वचा तथा उसके नीचे के रेशे फटने या कट जाने पर घाव हो जाता है।
लक्षणों में मवाद, रक्त, पानी आदि शामिल हैं। इनमें दर्द और जलन आदि महसूस होती है
गाजर को उबालकर उसका गूदा wound पर लगाने से wound ठीक हो जाएगा। इसका जूस भी पीना चाहिए।
wound पर तुलसी के पत्तों का बारीक चूर्ण लगाने या पीसकर लेप करने से wound ठीक हो जाता है।
चोट, जख्म आदि पर अंजीर के पत्तों की पुल्टिस लगाने से आराम मिलता है।
नारियल को बारीक पीसकर उसमें हल्दी मिलाकर wound या चोट पर लगाएं।
करमकल्ला का रस पीने से wound ठीक हो जाते हैं। इसका रस आधा गिलास 5 बार पानी के मिलाकर लें।wound पर इसके रस की पट्टी बांधें।
हल्दी को तवे पर अच्छी तरह गर्म करके उसका पेस्ट बनाकर wound पर लगाएं, इससे wound ठीक हो जाएगा।
घायल घाव पर तुरंत अपना मूत्र मलें।
सहजन की पत्तियों का गूदा घावों पर लगाएं, wound ठीक हो जाएंगे।
संतरा खाने से wound जल्दी ठीक हो जाते हैं।
एक भाग प्याज के रस को चार भाग पानी में मिलाकर सड़े हुए, मवाद भरे wound को धोने और फिर इस घोल में भिगोया हुआ कपड़ा wound पर बांधने से wound ठीक हो जाता है।
लहसुन का रस wound पर लगाने से wound जल्दी ठीक हो जाता है।
एक भाग पीला मोम और चार भाग शहद की पट्टी लगायें। मोम को गर्म करके शहद मिलाये जो घाव आसानी से नहीं भरते वे भी इससे ठीक हो जाते हैं।
नीम की हरी पत्तियों को पीसकर कपड़े में निचोड़कर रस निकाल लें। इस रस में घाव के आकार की रुई भिगोकर घी में डालें और गर्म करें।जब यह गर्म हो जाए तो इसे घाव पर रखें और पट्टी बांध लें। इस से घाव जल्दी ठीक हो जाता है। पुराने असाध्य घाव भी ठीक हो जाते हैं।
लहसुन की दस कलियाँ, चौथाई चम्मच नमक – दोनों को पीसकर घाव पर देशी घी में सेंक कर घाव पर, जिसमे कीड़े पड़े हो ,बाँधे। कीड़े मर जायेंगे और घाव भी भर जायेगा।
शहद घावों को तेजी से भरने में मदद करता है।
अनार के छिलकों को उबालकर पानी से wound धोने से wound जल्दी भरने में मदद मिलती है।
चोट या wound पर केले के छिलके के अंदरूनी भाग की पतली परत को चाकू से हटा दें। इसे wound पर लगाने से wound ठीक हो जाता है।
कड़वे नीम के पत्तों को पीसकर शहद में मिलाकर लगाने से गंभीर रक्तस्राव वाले घावों में बहुत लाभ होता है।
wound पर हल्दी पीसकर लगाने से wound जल्दी ठीक हो जाता है।
हल्दी और तेल में रुई भिगोकर घाव पर लगाने से wound ठीक हो जाते हैं।
घावों पर फिटकरी और शंखपुष्पी का बारीक चूर्ण लगाने से wound जल्दी भर जाते हैं। मवाद वाले घावों पर भी इसका बहुत अच्छा असर होता है।
किसी भी प्रकार का wound होने पर मेहंदी को पीसकर लगाने से वांछित लाभ मिलता है और wound ठीक हो जाता है। यह कुछ ही दिनों में भर जाता है।
मुलेठी के तेल को धीमी आंच पर पकाकर पुराने घावों पर लगाने से wound ठीक हो जाते हैं।
अगर किसी भी तरह का wound ठीक नहीं हो रहा है तो नारियल के तेल में कपूर मिलाकर दिन में 8-10 बार रुई से लगाएं।जहां तेल लगाया जाएगा वहां मक्खी भी नहीं बैठेगी।
wound पर अरंडी का तेल लगाने से जल्दी आराम मिलता है।
यदि wound सूखता नहीं है और बार-बार हरा हो जाता है तो तुलसी के बीज पीसकर वहां लगाने से wound जल्दी सूख जाता है।
wound की त्वचा को दोनों तरफ से जोड़ लें। बरगद के पत्ते को तवे पर गर्म करें। चिकनी तरफ से घाव पर रखें और पट्टी बांध लें। तीन दिन तक पट्टी न खोलें। तीन दिन में wound सिकुड़कर छोटा रह जाएगा। फिर ताजे पत्ते को दोबारा गर्म करके बांध लें।
ताजे wound को बरगद के दूध से भरें।wound जल्दी ठीक हो जायेगा।
यदि wound गहरा हो तो बरगद और आक का दूध मिलाकर wound पर टपकाएं और बरगद का गर्म पत्ता बांध दें।
यदि wound ठीक न हो रहा हो तो घर में गेहूं बोएं। गेहूं की घास का रस पिएं और इसका गूदा wound पर लगाएं। ऐसा तब तक करें जब तक wound ठीक न हो जाए।
आम के पेड़ की थोड़ी सी छाल को पानी में उबालकर पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को wound पर लगाएं।
5 ग्राम पिसी हुई फिटकरी को चौथाई चम्मच गाय के घी में मिलाकर घाव में भर दें। इससे खून तुरंत बंद हो जाएगा और wound में मवाद भी नहीं बनेगा।
सफेद कत्था में पिसी हुई फिटकरी का चूर्ण मिलाकर wound में भरने से खुजली कम हो जाएगी। कुछ भी नहीं मिले तो wound को पिसी हुई फिटकरी से ही भरें।
wound होने पर नियमित रूप से अंगूर का सेवन करें, अंगूर में wound भरने के लिए उपयोगी तत्व मौजूद होते हैं।इसलिए wound जल्दी ठीक हो जाते हैं।
तिल को पीसकर wound पर लगाने से कुछ ही देर में आराम मिल जाता है।
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