चर्म रोग : त्वचा रोग Best 30 आयुर्वेदिक उपचार

चर्म रोग” एक आम शब्द है जो त्वचा (स्किन) से संबंधित विभिन्न रोगों को सूचित करने के लिए प्रयुक्त होता है।

त्वचा रोग कई प्रकार के हो सकते हैं, और इनमें शामिल हो सकते हैं:चर्म रोग

⇒एक्जिमा (Eczema):

यह एक प्रकार की त्वचा सूजन और जलन की समस्या होती है जिसमें त्वचा लाल होती है और खुजली होती है।

चर्म रोग
एक्जिमा (Eczema)

⇒सोरायसिस(Psoriasis):

इस रोग में त्वचा पर छालों की गाँठे बन जाती हैं, और त्वचा की ऊपरी परत का अत्यधिक निर्माण होता है, जिससे त्वचा की सतह पर लाल छाले बनते हैं।

चर्म रोग
सोरायसिस(Psoriasis)

डर्मेटाइटिस (Dermatitis):

यह त्वचा की सूजन और खुजली की समस्या होती है जो अकसर एलर्जी के कारण होती है।

चर्म रोग
डर्मेटाइटिस (Dermatitis)

अक्ने (Acne):

यह त्वचा के तल ग्लैंड्स में संकोच और त्वचा पर दानों का उत्पन्न होने के कारण होता है।

चर्म रोग
अक्ने (Acne)

स्किन कैंसर (Skin Cancer):

त्वचा कैंसर त्वचा के किसी हिस्से में असामान्य विकास की समस्या होती है और यह जीवन- threatening हो सकता है।

चर्म रोग
स्किन कैंसर (Skin Cancer

चर्म रोग के कारण:

चर्म रोग कई प्रकार के होते हैं – खाज, खाज, दाद, फोड़ा, फुन्सियाँ , एग्जिमा ,छाले , मस्से , खसरा आदि।मदग्नि, सूर्य की लू , स्त्रियों में अनियमित मासिक धर्म, रक्त विकार, सोडा, चूना , नींबू, साबुन अधिक प्रयोग , रक्त और जल बहकर शरीर पर एक स्थान से दूसरे स्थान पर लग जाने पर , गंदी मिट्टी और कुछ संक्रामक रोग आदि से चर्म रोग यानि कि त्वचा रोग हो जाते हैं।
चर्म रोग

चर्म रोग या स्किन डिसीज़ (Skin diseases) के कई कारण हो सकते हैं, जो व्यक्ति की त्वचा पर विभिन्न प्रकार के लक्षणों और समस्याओं का कारण बन सकते हैं। यहाँ पर कुछ मुख्य कारण दिए गए हैं:

  1. इंफेक्शन: त्वचा पर कुछ प्रकार के इंफेक्शन चर्म रोग का प्रमुख कारण हो सकते हैं, जैसे कि फंगल इंफेक्शन, बैक्टीरियल इंफेक्शन, और वायरल इंफेक्शन।
  2. एलर्जी: कुछ लोगों की त्वचा एलर्जी के प्रति संवेदनशील होती है, जिससे वे चर्म रोगों का शिकार हो सकते हैं।
  3. धूप और तपिश: अधिक समय तक धूप में रहना, तपिश, और त्वचा को संरक्षित न करना भी त्वचा समस्याओं का कारण बन सकता है
  4. आलस्य: अव्यवस्थित  तरीके से देखभाल करने के कारण चर्म में समस्याएं हो सकती हैं।
  5. आंतरिक स्वास्थ्य समस्याएँ: कुछ समय पर त्वचा समस्याएँ आंतरिक स्वास्थ्य समस्याओं का परिणाम हो सकती हैं, जैसे कि सोरायसिस, एक्जिमा, डायबिटीज, और थायराइड इत्यादि।
  6. गंदगी: त्वचा को सही तरीके से सफाई न करना और अधिक गंदगी में रहना चर्म समस्याओं को बढ़ावा दे सकता है।
  7. जीवाणुओं और एक्जोटिक सब्स्टेंसेस: कई बार त्वचा पर विभिन्न जीवाणुओं या एक्जोटिक सब्स्टेंसेस के संपर्क से चर्म रोग हो सकते हैं।

चर्म रोग के लक्षण:

जलन, खुजली और दर्द के साथ-साथ त्वचा पर छोटे-छोटे दाने और चकत्ते, पानी और मवाद निकलना आदि लक्षण दिखाई देते हैं।यहाँ पर कुछ मुख्य लक्षण दिए गए हैं:चर्म रोग
खुजली : यह सबसे सामान्य और प्रमुख लक्षण है, जिसमें त्वचा पर खुजली होती है।

2.लालिमा: त्वचा पर लाल या पिपीली चकत्ते दिख सकते हैं।

3.त्वचा की रुखाई और सूखापन: आकर्षकता की स्थिति में बदलाव हो सकता है और त्वचा सूख सकती है।

4.चकत्तों का फैलाव: चर्म रोग के बढ़ जाने पर चकत्ते त्वचा पर फैलने लगते हैं।

5. चकत्तों का तनाव: चकत्तों के बीच त्वचा तन सकती है और दर्द कर सकती है।

6.चकत्तों का खरोंचना: खरोंच के कारण चकत्तों में छाले बन सकते हैं।

7.त्वचा पर सूजन और फूलना:गंभीर मामलों में, त्वचा पर सूजन और फूलने के लक्षण हो सकते हैं।

आयुर्वेदिक उपचार

  • कच्चे पपीते का रस त्वचा रोगों से राहत दिलाता है और त्वचा को स्वस्थ बनाता है।
  • रोजाना खसखस ​​का शर्बत पीने से गर्मी के मौसम में होने वाले चर्म रोग ठीक हो जाते हैं। इस शर्बत को गर्मियों के दिनों में नियमित रूप से पीने से गर्मी के त्वचा रोग नहीं होते हैं और संक्रामक रोग भी इस शर्बत को नियमित रूप से पीने से ठीक हो जाते हैं।
  • सर्दियों में होने वाले त्वचा रोगों में गर्म पानी में नमक मिलाकर नहाने से फायदा मिलता है।
  • नीम की पत्तियों को पानी में उबालकर रोजाना नहाएं। एक कप में बीस पत्तियां उबालें, पानी छान लें और रोज सुबह खाली पेट तीन हफ्ते तक पिएं। इससे त्वचा रोगों में लाभ होगा।
  • मोगरा की आठ-दस पत्तियों को पीसकर प्रभावित जगह पर सुबह-शाम लगाएं।
  • त्वचा का कोई भी रोग हो, उस स्थान पर नींबू का रस लगाएं या पानी में नींबू निचोड़ कर धोने से लाभदायक है। नियमित रूप से सुबह के समय पानी में नींबू निचोड़कर पीने से त्वचा रोग ठीक हो जाते हैं।
  • त्वचा रोगों पर करेले का रस लगाने से लाभ होता है।
  • त्वचा रोगों में हरड़ बहुत उपयोगी साबित होती है। कई दिनों तक इसका सेवन करने से किसी भी प्रकार का त्वचा रोग हो वह ठीक हो जाता है। भोजन के बाद पंद्रह मिनट के भीतर पांच ग्राम हरड़ का चूर्ण लेने से रोग ठीक हो जाता है।
  • हरी मिर्च को बारीक पीसकर सरसों के तेल में पकाएं। इस तेल को त्वचा के रोगों पर लगाने से लाभ होता है।
  • दाद, खाज आदि त्वचा रोगों में मूंगफली तिल को गर्म करके गुनगुना करके मालिश करने से फायदा होता है।
  • त्वचा रोग से प्रभावित स्थान को बार-बार फिटकरी से धोना चाहिए।
  • अगर मूली के बीजों को उसके पत्तों के रस के साथ पीसकर लगाया जाए तो कई त्वचा रोगों से राहत मिल सकती है।
  • चालमोगरा के तेल का सेवन करने से सभी प्रकार के त्वचा रोग,खाज, चकत्ता, बंद कंठमाला, नासूर और दाद ठीक हो जाते हैं।
  • खुजली, खाज और कुष्ठ रोग होने पर लहसुन को पानी में पीसकर लगाने से जल्द आराम मिलता है।
    आधा लीटर लहसुन के रस में 100 मिलीलीटर स्प्रिंट मिलाकर रख लें। फिर इसे रुई के फाहे के साथ लगाए।
  • आधा चम्मच गन्ने का सिरका, डेढ़ चम्मच शहद – दोनों को मिलाकर त्वचा रोग पर लगाएं। आपको सभी त्वचा रोगों से राहत मिलेगी।
  • त्वचा रोग होने पर सरसों के तेल में लाल मिर्च डालकर पकाकर लगाने से लाभ होता है।
  • त्वचा रोगों में गाय के गोबर के रस से मालिश करने से आश्चर्यजनक रूप से लाभ होता है।
  • अंजीर के पेड़ की कोमल पत्तियों से बना मलहम त्वचा रोगों पर बहुत अच्छा असर करता है।
  • गांठ वाले स्थान पर हल्दी रगड़ें और ऊपर से पिसी हुई हल्दी का गाढ़ा लेप लगाएं। लाभ मिलने तक प्रयोग करें।
  • सौंफ और धनियां बराबर मात्रा में लेकर पीस लें। इसमें ढेड़ गुना मिश्री मिला लें। सुबह शाम तीस ग्राम-तीस ग्राम का सेवन करें। कभी खुजली नहीं होगी। यह चूर्ण त्वचा रोगों में बहुत लाभकारी है।
  • त्वचा का रूखापन और संक्रामक रोगों के प्रभाव को दूर करने के लिए हल्दी के तेल से मालिश करें लाभदायक रहता है।
  • त्वचा रोग होने पर अंजीर की जड़ को पीसकर लगाने से त्वचा रोग ठीक हो जाता है।
  • त्वचा रोग या एक्जिमा आदि पर गौमूत्र लगाने से शीघ्र आराम मिलता है।
  • त्वचा रोगों में गाजर का रस पीने से लाभ होता है।
  • सुबह खाली पेट सेब खाकर ऊपर से दूध पीने से त्वचा रोग में लाभ होता है।
  • गेहूं को गर्म तवे पर इतना भून लें कि वह राख के समान हो जाए, फिर उसे ओखली में अच्छी तरह पीस लें, शुद्ध सरसों के तेल में मिलाकर संबंधित स्थान पर लगाएं। अनेक वर्षों के असाध्य एवं पुराने त्वचा रोग ठीक हो जाते हैं।
  • त्वचा के रोगों में पिसी हुई हल्दी को सरसों के तेल में मिलाकर लगाने से लाभ होता है।
  • नींबू में फिटकरी भरकर त्वचा के रोगों पर रगड़ें, लाभ होगा।
  • त्वचा के किसी भी रोग पर तुलसी की पत्तियां और नीम की पत्तियां लगाने से लाभ होता है।
  • सरसों के तेल में तुलसी के पत्ते डालकर जलने तक पकाएं। ठंडा होने पर छान कर इसे बोतल में भर लें। यह तेल त्वचा रोगों में लाभकारी है।
  • तुलसी की जड़ की मिट्टी को शरीर पर मलें और कुछ देर बाद स्नान कर लें। त्वचा रोग दूर हो जाते हैं।
  • चकोतरे का रस पीने से त्वचा संबंधी विकार ठीक हो जाते हैं।
  • त्वचा के रोगों (एक्जिमा आदि) पर ताजे पुदीने का रस लगाने से आराम मिलता है।

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