Prickly Heat यानि की घमौरियाँ गर्मी के मौसम में शरीर पर छोटे-छोटे दाने निकल आते हैं।जिनमें कभी कभी पानी भी भर जाता है। वह विशेष क्षेत्र जो हवा के संपर्क में नहीं आता, दबा रहता है या अत्यधिक ढका रहता है, खुजली हो जाती है और लाल हो जाता है तथा चकत्ते पड़ जाते हैं। पसीने की गंदगी के कारण रोम छिद्र बंद हो जाते हैं। शरीर की गर्मी छोटे-छोटे दानों के रूप में बाहर निकलती है।
Prickly Heat के लक्षण
आयुर्वेदिक उपचार
गर्मी के मौसम में घमौरियां या छोटे-छोटे रैशेज हो जाते हैं। 1/4 कप करेले के रस में 1 चम्मच मीठा सोडा (खाने योग्य) मिलाकर उन पर लगाएं। ऐसा दिन में 2-3 बार करने से सारी घमौरियां शांत हो जाती हैं।
Prickly Heat की समस्या आमतौर पर गर्मी या बरसात के मौसम में होती है और इसका मुख्य कारण पसीना है। आधा किलो कच्ची हल्दी का रस निकालकर उबाल लें। ठंडा होने पर इसमें 200 ग्राम शहद मिलाकर किसी बंद कांच के बर्तन में रख दें। किसी भी फल के रस में दो या तीन चम्मच हल्दी का रस मिलाकर लें। इससे शरीर की सारी गर्मी दूर हो जाएगी।
घमौरियाँ होने पर शरीर पर मुल्तानी मिट्टी लगाएं। घमौरियाँ शांत हो जायेंगे.
सरसों के तेल और पानी को अच्छे से मिलाकर प्रभावित जगह पर लगाएं, प्रभावित जगह ठीक हो जाएगी।
अगर शरीर में घमौरियां और खुजली हो तो जीरे का इस्तेमाल आश्चर्यजनक रूप से फायदेमंद होता है।
गर्मियों में घमौरियों पर बर्फ का टुकड़ा रगड़ने से घमौरियाँ दब जाती हैं।
Prickly Heat से छुटकारा पाने के लिए मुल्तानी मिट्टी पाउडर में दही मिलाकर उसे साबुन की टिकिया जैसा बना लें। इसे साबुन की जगह टिक्की की का इस्तेमाल करें। घमौरियों से राहत मिलेगी।
दूध में मुल्तानी मिट्टी मिलाकर चेहरे और शरीर पर लगाने से ठंडक मिलती है और घमौरियों से भी बचाव होता है।
- गर्मियों के दौरान पीठ, गर्दन और शरीर पर छोटे-छोटे दाने (अन्धौरी ) होने लगती है। मेहँदी के लेप से एकदम उनकी जलन मिट जाती है। यह अचूक उपाय है।
- संतरे के छिलकों को सुखाकर पाउडर बना लें। नहाने के बाद प्रभावित क्षेत्रों को गुलाब जल में भिगोई हुई रुई से थपथपाएं। सूखने के बाद उन्हीं जगहों पर छिलके का पाउडर छिड़क दें।
Prickly Heat होने पर उन पर नींबू का रस लगाने से फायदा होगा।
दो बड़े चम्मच दूध में चंदन घिसकर, संतरे का रस और बेसन मिलाकर त्वचा पर लगाएं। सूखने के बाद ठंडे पानी से धो लें। यह उबटन विशेष रूप से घमौरियों से राहत दिलाता है और ठंडक प्रदान करता है।
बरसात के मौसम में जब उमस हो जाती है तो घमौरियां हो जाती हैं। बारिश के पानी में नहाने से घमौरियाँ शांत हो जाती है।
घमौरियां होने पर तुलसी के बीज पांच ग्राम आंवले के मुरब्बे के साथ खाने से लाभ होता है।आम की गुठली के चूर्ण को पानी में मिलाकर शरीर पर लगाने और स्नान करने से घमौरियां ठीक हो जाती हैं।
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FAQ.
Q.1 घमौरियां होने पर क्या नहीं करना चाहिये ?
Ans. गर्मियों के दिनों में जब आपको घमौरियां हो जाती हैं तो आप ये गलती करते हैं कि आप बार-बार अपना हाथ घमौरियों वाली जगह पर ले जाते हैं और उसे खुजलाते हैं। ऐसा बिल्कुल नहीं करना चाहिए. ऐसा करने से त्वचा में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए कभी भी घमौरियों को खुजलाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।Q.2 प्राइवेट एरिया पर हीट रैश का इलाज कैसे करे ?
Ans. त्वचा की मरम्मत के लिए नारियल तेल का उपयोग लंबे समय से किया जाता रहा है। नारियल तेल में एंटीबैक्टीरियल तत्व पाए जाते हैं जो त्वचा को रिपेयर करने का काम करते हैं। कपूर त्वचा की देखभाल में भी कारगर है। एक कटोरी में नारियल का तेल लें और उसमें कपूर डालकर गर्म कर लें। अब इसे घमौरियों से प्रभावित त्वचा पर लगाएं और ऐसे ही छोड़ दें। नहाने से पहले इस उपाय को आजमाएं और फर्क देखें।